तिल के फायदे जानकर हैरान हो जाएंगे आप

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Health Benefits of Sesame Seeds:  भारतीय खान-पान में तिल का अपना अनोखा स्थान है। सर्दियों के आते ही तिल के लड्डू, तिल की पपड़ी और तिल से बने पारंपरिक व्यंजन घरों में सुगंध बिखेरने लगते हैं। तिल न सिर्फ स्वाद बढ़ाता है बल्कि शरीर को गर्माहट और ऊर्जा भी प्रदान करता है। यही कारण है कि ठंड के मौसम में तिल का सेवन विशेष रूप से फायदेमंद माना जाता है।

आयुर्वेद के अनुसार तिल स्वभाव से गर्म और भारी होता है, जो सर्दियों में शरीर के तापमान को संतुलित रखने, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और थकान दूर करने में सहायक होता है। वहीं गर्मियों में इसका सेवन सीमित मात्रा में करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इसकी गर्म तासीर शरीर में अतिरिक्त गर्माहट पैदा कर सकती है।

तिल विटामिन, मिनरल्स, हेल्दी फैट्स और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो त्वचा, हड्डियों, पाचन और हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माने जाते हैं। नियमित रूप से सीमित मात्रा में इसका सेवन आपकी संपूर्ण स्वास्थ्य दिनचर्या को मजबूत बनाता है।

तिल में प्रोटीन, कैल्शियम, बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन और आवश्यक कार्बोहाइड्रेट्स प्रचुर मात्रा में मिलते हैं, जो संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी होते हैं। नियमित रूप से तिल का सेवन तनाव को कम करने में मदद करता है और मानसिक कमजोरी दूर रखने में सहायक होता है। इसके साथ ही तिल में मौजूद प्राकृतिक सौंदर्य गुण स्किन को पोषण देते हैं, जिससे त्वचा अधिक चमकदार और स्वस्थ दिखाई देती है।

तिल तीन प्रकार के होते हैं काले, सफेद और लाल। आमतौर पर घरों में काले और सफेद तिल का ही अधिक उपयोग किया जाता है, जबकि लाल तिल का प्रयोग सीमित रूप से होता है। बहुत से लोग तिल के पोषक तत्वों और उनके संपूर्ण स्वास्थ्य लाभों से अनजान रहते हैं। तिल एंटीऑक्सिडेंट्स, हेल्दी फैट्स, विटामिन्स और खनिजों से भरपूर होते हैं, जो कई शारीरिक समस्याओं में प्राकृतिक रूप से लाभ पहुंचाते हैं।

यदि आप तिल के फायदे जान लेंगे तो अपनी सेहत से जुड़ी कई दिक्कतों को आसानी से दूर कर सकते हैं। आइए तिल के प्रमुख लाभों को विस्तार से समझते हैं।

तिल के बीज के फायदे (Benefits of Sesame Seeds):

1. बवासीर (Piles) 

बवासीर की परेशानी में राहत पाने के लिए कई लोग तिल को घरेलू उपाय के रूप में अपनाते हैं। काले तिल में फाइबर और पोषक तत्व भरपूर होते हैं, जो पाचन को बेहतर बनाने में सहायक माने जाते हैं। बवासीर की समस्या होने पर आप रोजाना 1 से 2 चम्मच काले तिल चबा कर खा सकते हैं और उसके बाद ठंडा पानी पी सकते हैं। नियमित सेवन पाचन को संतुलित रखने में मदद करता है और असुविधा कम करने में सहायक हो सकता है।

2. एंटी बैक्टीरियल गुण (Antibacterial Properties)

तिल में शक्तिशाली एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो घाव और चोट को तेजी से भरने में मदद करते हैं। यह त्वचा की सूजन को शांत करके सोरायसिस, एक्जिमा जैसी स्किन समस्याओं में भी लाभ पहुंचाता है। तिल का तेल जलने की स्थिति में भी राहत देता है। इसके उपयोग के लिए तिल को देसी घी और कपूर के साथ मिलाकर जले हुए स्थान पर लगाने से त्वचा को आराम और तेजी से ठीक होने में सहायता मिलती है।

3. बच्चों के लिए (For Children):-

बच्चों में बिस्तर गीला करने की समस्या (Bedwetting) काफी आम है और ज्यादातर माता-पिता इसके कारण चिंतित हो जाते हैं। यदि आपका बच्चा भी रात में बिस्तर पर पेशाब कर देता है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। कुछ घरेलू उपाय इस समस्या को कम करने में मदद कर सकते हैं। काले तिल को प्राकृतिक रूप से शरीर को मज़बूती देने वाला माना जाता है। इसके लिए काले तिल को हल्का भून लें और उसमें गुड़ मिलाकर छोटे-छोटे लड्डू बना लें। बच्चे को रोज रात सोने से पहले यह लड्डू खिलाने से बिस्तर गीला करने की आदत में धीरे-धीरे सुधार देखा जा सकता है।

यह उपाय सरल, प्राकृतिक और बिना दुष्प्रभाव वाला है, और नियमित उपयोग से अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।

4. मानसिक दुर्बलता (Mental Impairment)

तिल को प्राचीन समय से ही बुद्धिवर्धक भोजन माना जाता है। इसमें प्रोटीन, कैल्शियम और बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो मस्तिष्क को पोषण देकर उसकी कार्यक्षमता को बेहतर बनाते हैं। रोजाना लगभग 50 ग्राम तिल का सेवन करने से शरीर की कैल्शियम आवश्यकता पूरी होती है और मानसिक स्वास्थ्य को प्राकृतिक रूप से मजबूती मिलती है।

5. हृदय (Heart)

हृदय की मांसपेशियों को मजबूत और स्वस्थ बनाए रखने के लिए तिल का उपयोग बेहद लाभकारी माना जाता है। तिल में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, जिंक और सेलेनियम जैसे आवश्यक मिनरल प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो हृदय को सुचारु रूप से कार्य करने में मदद करते हैं। तिल में मौजूद नियासिन विटामिन तनाव को कम करने, मन को शांत रखने और अवसाद से बचाव में सहायक होता है। नियमित रूप से तिल का सेवन हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में प्रभावी भूमिका निभाता है।

6. बच्चो की हड्डियां (Baby Bones)

तिल का सेवन नवजात शिशुओं की हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक माना जाता है। तिल में डायट्री प्रोटीन, आवश्यक एमिनो एसिड और कई तरह के मिनरल पाए जाते हैं, जो बच्चों की हड्डियों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 100 ग्राम तिल में लगभग 18 ग्राम प्रोटीन मौजूद होता है, जो शिशु के स्वस्थ विकास और मजबूत हड्डियों के लिए जरूरी पोषक तत्व प्रदान करता है।

7. दांतों के लिए (For Teeth)

तिल दांतों को मजबूत और चमकदार बनाने में बेहद लाभकारी माना जाता है। सुबह ब्रश करने के बाद काले तिलों को अच्छी तरह चबा कर खाने से दांत naturally साफ होते हैं, पीलापन कम होता है और मसूड़ों की मजबूती बढ़ती है। नियमित रूप से काले तिल का सेवन दांतों की सुंदरता और हेल्थ दोनों को बेहतर बनाने में सहायक है। 

8. बालों के लिए (For Hair)

असमय सफेद बाल आजकल तेजी से बढ़ती समस्या बन चुके हैं, जिसका मुख्य कारण तनाव, खराब आहार और अनियमित दिनचर्या है। ऐसे में तिल का तेल बालों को प्राकृतिक रूप से काला बनाए रखने के लिए एक प्रभावी घरेलू उपाय माना जाता है। तिल के तेल से स्कैल्प और बालों की नियमित मसाज समय से पहले सफेद होने की समस्या को कम करने में मदद करती है। यह तेल बालों की जड़ों को पोषण देता है, उनकी प्राकृतिक चमक और रंग को बनाए रखने में सहायक होता है। नियमित उपयोग से बाल मजबूत, डार्क और स्वस्थ दिखाई देते हैं।

तिल के बीज के अन्य फायदे (Other Benefits Of Sesame Seeds):

  • कब्ज की समस्या से राहत पाने के लिए तिल एक प्रभावी घरेलू उपाय माना जाता है। इसके लिए लगभग 50 ग्राम तिल को हल्का भूनकर बारीक कूट लें और इसमें थोड़ी सी चीनी मिलाकर सेवन करें। तिल में मौजूद प्राकृतिक तेल आंतों को चिकनाई प्रदान करते हैं, जिससे मल त्याग सहज हो जाता है और कब्ज की समस्या में तेजी से आराम मिलता है।
  • खांसी होने पर तिल का सेवन बेहद लाभकारी माना जाता है। तिल और मिश्री को पानी में उबालकर पीने से सूखी खांसी में तेजी से राहत मिलती है। यह सरल घरेलू नुस्खा गले की जलन को शांत करता है, खांसी रोकने में प्राकृतिक तरीके से मदद करता है। यह सूखी खांसी का एक प्रभावी और आसानी से अपनाया जाने वाला घरेलू उपचार है।
  • पेट दर्द होने पर काले तिल बेहद फायदेमंद माने जाते हैं। यदि अचानक पेट में मरोड़ या असहजता महसूस हो, तो एक चम्मच काले तिल अच्छी तरह चबाकर गुनगुना पानी पी लें। इससे पाचन सुधरता है, गैस कम होती है।
  • तिल को बारीक पीसकर मक्खन के साथ मिलाकर चेहरे पर लगाने से स्किन में नेचुरल ग्लो आता है।
  • मुहांसों की समस्या दूर करने के लिए चेहरे पर मौजूद तिल को पीसकर उसमें थोड़ा सा शुद्ध मक्खन मिलाएं और प्रभावित स्थान पर लगाएं। यह घरेलू उपाय त्वचा को शांत करता है, सूजन कम करता है और कील-मुंहासों जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। .

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