Benefits And Usage Of Amla In Hindi : आंवला भारतीय आयुर्वेद का एक अनमोल उपहार माना जाता है। सदियों पहले हमारे ऋषि-मुनियों ने इसके चमत्कारिक गुणों को पहचानकर च्यवनप्राश जैसी श्रेष्ठ औषधियों का निर्माण किया, जो आज भी प्रतिरक्षा और शक्ति बढ़ाने में प्रभावी मानी जाती है।
अंग्रेजी में आंवला को Indian Gooseberry कहा जाता है, जबकि इसका वैज्ञानिक नाम Phyllanthus emblica है। संस्कृत में इसे “आमलकी” कहा गया है, जिसका अर्थ समृद्धि से जुड़ा माना जाता है। आंवला विटामिन C, एंटीऑक्सीडेंट और कई आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण स्वास्थ्य, त्वचा और बालों के लिए अत्यंत लाभकारी है।
आज आंवला अपने अद्भुत गुणों की वजह से हर उम्र के लोगों के बीच लोकप्रिय है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने से लेकर पाचन, त्वचा ग्लो और बालों की मजबूती तक, इसके फायदों की चर्चा जितनी की जाए कम है।
आंवला शरीर के लिए प्राकृतिक अमृत माना जाता है। इसमें विटामिन C अत्यधिक मात्रा में पाया जाता है, जो इम्यूनिटी बढ़ाने और शरीर को बीमारियों से बचाने में प्रभावी माना जाता है। आंवले की खासियत यह है कि इसका विटामिन C गर्मी या पकाने पर भी नष्ट नहीं होता, और शरीर इसे आसानी से अवशोषित कर लेता है। इसी वजह से आंवला जूस, पाउडर, अचार, मुंहफली या किसी भी रूप में लिया जा सकता है।
आंवले में मौजूद सक्सिनिक एसिड उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करने में मदद करता है और त्वचा को युवा बनाए रखने में भूमिका निभाता है। इसमें मौजूद पेक्टिन शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति करता है और संपूर्ण स्वास्थ्य को संतुलित रखता है।
इसके अलावा, आंवला कोशिकाओं के पुनर्निर्माण में सहयोग करता है, रक्त वाहिनियों और नसों को मजबूत बनाए रखता है तथा कठोरता को रोकता है। यही कारण है कि नियमित रूप से आंवला सेवन करने पर शरीर में स्वाभाविक लचीलापन और ऊर्जा बनी रहती है।
आँवले का उपयोग कैसे करें (Amla Uses):
आंवला खाने का सबसे अच्छा तरीका है इसे ताजा और साबुत रूप में सेवन करना। यदि आप आंवला जूस पीना चाहते हैं, तो कच्चे आंवले को अच्छी तरह पीसकर कपड़े में भरें और दबाकर उसका शुद्ध रस निकाल लें। यही ताजा आंवला रस स्वास्थ्य के लिए सबसे लाभदायक माना जाता है।
एक गिलास पानी में दो चम्मच ताजा आंवला जूस और एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से इम्यूनिटी मजबूत होती है, त्वचा स्वस्थ रहती है और शरीर को प्राकृतिक ऊर्जा मिलती है।
नवंबर से मार्च तक बाजार में ताजा आंवला आसानी से उपलब्ध होता है, जबकि जनवरी और फरवरी के आंवले को सबसे उच्च गुणवत्ता वाला माना जाता है। यही समय आंवला मुरब्बा या आंवला जैम बनाने के लिए भी उत्तम होता है। बड़ा, चमकदार, बिना रेशे वाला और बिना दाग-धब्बों वाला आंवला सर्वोत्तम गुणवत्ता का माना जाता है।
आंवला के फायदे (Benefits Of Amla):

ह्रदय रोग (Heart Disease):
आंवला कोलेस्ट्रॉल कम करने और धमनियों में जमा वसा को रोकने में प्रभावी माना जाता है। नियमित रूप से आंवले का सेवन हृदय को मजबूत बनाता है और हृदय रोगों के जोखिम को कम करता है। इसे जूस, पाउडर या कच्चे रूप में शामिल करने से कार्डियक हेल्थ स्वाभाविक रूप से बेहतर होती है।
सेवन के ये तरीके हो सकते है:-
- आंवले का चूर्ण आधा चम्मच और मिश्री आधा चम्मच मिलाकर रोजाना पानी के साथ निगल लें।
- आंवले का मुरब्बा 2 पीस खाकर एक गिलास मलाई निकला दूध पी लें।
- आधा कप पानी में तीन चम्मच आंवले का रस और मिश्री मिलाकर रोज पिएं।
बालों के लिए (For Hair):
बालों की सेहत के लिए आंवला एक प्राकृतिक टॉनिक जैसा काम करता है। नियमित रूप से आंवला खाने से बाल मजबूत, घने और स्वस्थ बनते हैं। आंवले का तेल भी बालों को पोषण देने, टूटने से बचाने और प्राकृतिक चमक बनाए रखने में बेहद उपयोगी माना जाता है। खास बात यह है कि आंवले का तेल घर पर बहुत आसानी से तैयार किया जा सकता है।
बालों की सफाई और देखभाल के लिए आप आंवला, रीठा और शिकाकाई को बराबर मात्रा में लेकर बारीक पीस लें। इस मिश्रण के चार चम्मच एक गिलास पानी में डालकर उबालें। पानी ठंडा होने पर इसे मसलकर छान लें। इस प्राकृतिक हेयर वॉश से बाल साफ, मुलायम, काले, चमकदार और लंबाई में तेजी से बढ़ने लगते हैं।
नकसीर (Hemorrhage):
आंवले का मुरब्बा नियमित रूप से खाने से नकसीर की समस्या में राहत मिल सकती है। रोजाना तीन चम्मच आंवले के रस में मिश्री मिलाकर पीने से नकसीर रुकने में मदद मिलती है। इसके साथ ही, सूखे आंवले को रातभर पानी में भिगोकर उस पानी से सिर धोने पर भी नाक से खून बहने की परेशानी कम हो सकती है। यह प्राकृतिक उपाय गर्मियों में होने वाली नकसीर को रोकने में प्रभावी माना जाता है।
पाचन तंत्र (Digestive System):
नियमित रूप से आंवला सेवन करने से मेटाबोलिज्म बेहतर होता है और पाचन तंत्र मजबूत बनता है। यह गैस, अपच और पेटदर्द जैसी समस्याओं को कम करता है। शरीर भोजन को तेजी से पचाकर ऊर्जा में बदलता है, जिससे दिनभर थकान महसूस नहीं होती और मांसपेशियों को प्राकृतिक रूप से मजबूती मिलती है।
आंवला वजन नियंत्रण में भी सहायक माना जाता है। अच्छे परिणाम पाने के लिए भोजन के बाद एक चम्मच सूखे आंवला चूर्ण का सेवन करें। चाहें तो इसे रात में सोते समय भी ले सकते हैं। यह सरल आदत पाचन सुधारने, ऊर्जा बनाए रखने और फिटनेस को सपोर्ट करने में मदद करती है।
स्वप्न दोष (Nightmare):
आंवला पुरुष स्वास्थ्य को मज़बूती देने के लिए एक प्रभावी आयुर्वेदिक उपाय माना जाता है। आधा कप पानी में चार चम्मच आंवले का चूर्ण रात भर भिगोकर रखें। सुबह इस पानी को छानकर इसमें चार चुटकी हल्दी मिलाएं और खाली पेट सेवन करें। यह घरेलू नुस्खा स्वप्नदोष को कम करने, शरीर की गर्मी संतुलित करने और जननांग स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक माना जाता है।
एसिडिटी (Acidity):
सुबह खाली पेट दो चम्मच आंवले के रस में एक चम्मच मिश्री मिलाकर सेवन करने से एसिडिटी और अम्लपित्त में आराम मिलता है। नियमित रूप से आंवले का चूर्ण समान मात्रा में मिश्री के साथ पानी में मिलाकर लेने से पाचन बेहतर होता है और पेट की जलन कम होती है। यह घरेलू उपाय एसिडिटी को प्राकृतिक तरीके से नियंत्रित करने में मदद करता है और पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है।
सिरदर्द (Headache):
सुबह खाली पेट दो चम्मच आंवला चूर्ण, एक चम्मच देसी घी और एक चम्मच मिश्री मिलाकर सेवन करने से सिरदर्द में प्राकृतिक रूप से राहत मिल सकती है। यह आयुर्वेदिक उपाय शरीर को ठंडक प्रदान करता है, पाचन को संतुलित करता है और कुछ ही दिनों में लगातार होने वाले सिरदर्द को कम करने में मदद करता है।
ब्लड प्रेशर (Blood Pressure):
आंवला उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में प्रभावी माना जाता है। यह शरीर में बढ़े हुए सोडियम स्तर को कम करने में मदद करता है, जिससे ब्लड प्रेशर प्राकृतिक रूप से संतुलित रहता है। इसमें मौजूद प्रचुर फाइबर हृदय स्वास्थ्य को समर्थन देता है और रक्त प्रवाह को बेहतर बनाने में सहायक होता है। नियमित रूप से आंवले का सेवन हाई ब्लड प्रेशर को मैनेज करने और समग्र हृदय-स्वास्थ्य सुधारने में उपयोगी साबित हो सकता है।
दस्त (Diarrhea):
आंवले का चूर्ण और काला नमक बराबर मात्रा में मिलाकर पानी के साथ लेने से दस्त की समस्या जल्दी शांत होती है। यह घरेलू उपाय पेट को आराम देता है और पाचन को संतुलित करने में मदद करता है। इसके साथ ही, आंवले का मुरब्बा खाने से भी दस्त में राहत मिलती है, क्योंकि इसमें मौजूद पोषक तत्व आंतों को मजबूत करते हैं और डिहाइड्रेशन से बचाते हैं।
खांसी (Cough):
आंवला खांसी और गले की समस्याओं के लिए एक प्रभावी आयुर्वेदिक औषधि माना जाता है। आंवले का चूर्ण मिश्री के साथ दिन में तीन से चार बार चूसने से खांसी में तेजी से राहत मिलती है। इसकी हरी पत्तियों को छाया में सुखाकर तैयार किया गया बारीक चूर्ण भी खांसी और सांस संबंधी समस्याओं में लाभकारी होता है।
सुबह और शाम एक चम्मच यह चूर्ण पानी के साथ लेने से हर प्रकार की खांसी, पुरानी खांसी और गले की खराश में आराम मिलता है। यह प्राकृतिक उपचार इम्यूनिटी बढ़ाने में भी सहायक है और सर्दी के मौसम में होने वाली खांसी के लिए सुरक्षित घरेलू नुस्खा माना जाता है।
पेशाब की तकलीफ (Urination Trouble):
आंवला पेशाब संबंधी समस्याओं में लाभकारी माना जाता है। नियमित रूप से आंवला सेवन करने से मूत्र खुलकर आ सकता है, जिससे शरीर में जमा हानिकारक तत्व, टॉक्सिन और यूरिक एसिड बाहर निकलने में मदद मिलती है। यह प्राकृतिक प्रक्रिया शरीर को भीतर से स्वच्छ और हल्का बनाए रखने में सहायक होती है।
यदि पेशाब में जलन, मवाद या संक्रमण जैसी समस्या हो, तो चार चम्मच आंवले के रस में दो चम्मच शहद और थोड़ी हल्दी मिलाकर सुबह और शाम सेवन करने की सलाह दी जाती है। यह घरेलू उपाय मूत्र संबंधी असुविधा को कम करने और संक्रमण के लक्षणों को शांत करने में सहायक माना जाता है।
स्मरण शक्ति (Memory):
आंवला खाली पेट खाने के कई फायदे हैं। रोजाना सुबह आंवले का मुरब्बा सेवन करने से स्मरण शक्ति बेहतर होती है और दिमाग को प्राकृतिक पोषण मिलता है। इसे किसी भी उम्र में सुरक्षित रूप से लिया जा सकता है, और नियमित उपयोग से मानसिक स्पष्टता व संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार देखा जाता है।
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